स्वस्थ व निरोग आँखों के लिए डाईट पर ध्यान देना जरूरी : डा सिम्मी अगरवाल

नज़दीक की नज़र के चश्मों से भी छुटकारा संभव !
अम्बे आई केयर एवं लेसिक सेन्टर, लुधियाना के मुख्य प्रबंधक, आँखों के रोगों के माहिर डा सिम्मी अगरवाल जी ने एक सैमीनार के दौरान संबोधित करते हुए कहा कि आँखें कुदरत का एक अनमोल तोहफा है, जैसे हम शरीर के बाकी अंगों का ध्यान रखते हैं वैसे ही हमें अपनी आँखों का भी खास ध्यान रखना चाहिए, आंखें है तो जहान है। आँखों को ठीक रखने के लिए हमें हरी पत्तेदार सब्जियां और फलों का जिसमें विटामिन A, B, C एवं E ज्यादा म में होता है, इनका सेवन ज्यादा करना चाहिए, जैसे कि पालक, बंदगोभी, टमाटर, मूली, गाजर, संतरा, नींबू, शकरकंदी, इसके अतिरिक्त मच्छी, अंडा जिसमे विटामिन A और Osmega-3 ज्यादा मात्रा में होनी चाहिए उसका सेवन करना चाहिए। दुध और दुध से बने पदार्थों का सेवन करना चाहिए जिससे आँखों को पौष्टिक आहार मिलता रहे। उन्होनें यह भी बताया कि सिगरट एवं तम्बाकू के सेवन से आयु के बढ़ने से आने वाली बिमारियों जैसे कि काला मोतिया, सफेद मोतिया की संभावना बढ़ जाती है। इसके कारण आँखों की बिमारियां छोटी आयु में ही आ जाती है। उन्होनें यह भी बताया कि भार बढ़ने के कारण भी बिमारियां हो जाती है, जैसे कि हाई ब्ल्लड-प्रेशर, शुगर बढ़ने के कारण आँखों के परदे पर ज्यादा असर पड़ता है, जो कि नुकसानदायक है, इसलिए मोटापे को कंट्रोल में रहना चाहिए। इसके अतिरिक्त उन्होनें आँखों को ठीक रखने के लिए कुछ सुझाव बताते हुए कहा हाथों को बार-बार धोना चाहिए, आँखों को रगड़ना नहीं चाहिए, क्योंकि हाँथों पर कई तरह की धुल मिट्टी के कीटाणु लगे होते हैं, जिससे आँखों में ईनफैकशन होने का खतरा बना रहता है। इस लिए हाथों को साफ-सुथरा रखना चाहिए और अपने आसपास को भी साफ-सुथरा रखना चाहिए ।

इसके इलावा उन्होनें यह भी बताया कि तकनीक ने अब बहुत तरक्की कर ली है, उन्के अस्पताल अंबे आई केयर एवं लेसिक सेन्टर में पुरे उत्तर भारत में सबसे पहले जर्मन की नई तकनीक PRESBYOND आई है, जिसके साथ 40 साल से अधिक आयु के लोग दूर एवं दूर नज़दीक के चश्मों से छुटकारा पा सकते हैं और मरीज़ अपने जीवन की बारीकियों को दूर करके नई जिन्दगी जी सकते
हैं।

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