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सफ़ेद मोतियाबिंद के बारे में जागरूकता :- डॉ. सिम्मी अग्रवाल
नजदीक की नज़र के चश्मों से भी छुटकारा संभव !
विश्व स्तर पर, विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि 285 मिलियन लोग हैं जिनकी नज़र कमज़ोर है, इनमें से 39 मिलियन नेत्रहीन हैं और 246 मिलियन की नज़र कम है। दुनिया में 3 में से 1 नेत्रहीन व्यक्ति भारत में रहते हैं। भारत में लगभग 18 मिलियन लोग अंधेपन से पीड़ित हैं। 80% स्थितियाँ जो अंधापन करती हैं, उनका इलाज या रोकथाम के लिए किया जा सकता है। अंधेपन के आम कारणों में से सफ़ेद मोतियाबिंद, ग्लूकोमा, कमज़ोर दृष्टि की समस्या और रेटिनल बीमारियाँ जैसे कि उम्र के साथ संबंधित मैकुलर डिजनरेशन और डायबिटिक रेटिनोपैथी शामिल है।
भारत में अंधेपन के कारणों में सफेद मोतियाबिंद सबसे आम कारण है जो भारत में 50% से 80% अंधेपन के लिए जिम्मेदार है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें आँखों का कुदरती पारदर्शी लेंस अपारदर्शी होना शुरू हो जाता है, जिसको लेंस क्लाउडिंग भी कहा जाता है। जब लेंस धुंधला हो जाता है, प्रकाश की किरणें इस में से आसानी से नहीं गुजर सकतीं और आपकी दृष्टि धुंधली हो जाती है। यह एक या दोनों आँखों में विकसित हो सकता है। सफेद मोतियाबिंद बढ़ती उम्र से जुड़े होते हैं। अन्य कारण जो सफेद मोतियाबिंद से जुड़े हुए है जैसे डॉइबिटिज़, सिग्रेट पीन वाले, पारिवारिक इतिहास और स्टेरॉयड जैसी कुछ दवाएं लेने से सफेद मोतियाबिंद का खतरा बढ़ सकता है।
आपकी उम्र के अनुसार आपके दृष्टिकोण में बदलाव के बारे में जागरूक होना महत्वपूर्ण है। अगर आपको सफेद मोतियाबिंद हैं, तब आपकी नजर धुंधली हो सकती है, आपकी आंखें तेज रोशनी के प्रति संवेदनशील होंगी, आप रंगो को फीके या बदले देख सकते हो। आपको रात में रोशनी देखने में परेशानी हो सकती है, और आपके चश्मे का नंबर बदल सकता है। ऐसी उम्र संबंधित दिक्क्तों की शुरुवात होने पर साल में एक बार आँखों के डॉक्टर द्वारा आँखों का चेकअप करवा लेना जरूरी है और आपकी नजर की पूरी जाँच कर के डॉक्टर आपको आपका इलाज बताएंगे। आपकी व्यक्तिगत ज़रूरतों के अनुसार आँखों की बीमारियों की शुरुवात लक्षणों की जाँच करने के लिए आँखों का चेकअप करवाना चाहिए, क्योंकि उम्र के साथ आंखों की कई बीमारियाँ जुड़ी होती हैं।
इसके इलावा उन्होनें यह भी बताया कि तकनीक ने अब बहुत तरक्की कर ली है, उनके अस्पताल अंबे आई केयर एवं लेसिक सेन्टर में पुरे उत्तर भारत में सबसे पहले जर्मन की नई तकनीक ‘ PRESBYOND आई है, जिसके साथ 40 साल से अधिक आयु के लोग दूर एवं दूर नज़दीक के चश्मों से छुटकारा पा सकते हैं और मरीज़ अपने जीवन की बारीकियों को दूर करके नई जिन्दगी जी सकते हैं।
इस के अतिरिक्त काले मोतिए, परदे, पानी बहने का इलाज भी बहुत वाजिब रेटों पर किया जाता है । अम्बे आई केयर का मुख्य उद्देश्य मरीज़ो का आधुनिक एवं नामवर डॉक्टरों द्वारा इलाज करना है। अस्पताल की प्रबंधक कमेटी की तरफ से आँखों का चेकआप तथा सभी लेज़रों एवं आप्रेशनों पर विशेष छूट चल रही है, जिसका लाभ सभी उठा सकते है।