प्रदूषण से आँखों को बचाएं : डा. सिम्मी अग्रवाल

नज़दीक की नज़र के चश्मों से भी छुटकारा संभव !

अम्बे आई केयर एवं लेसिक सेंटर, लुधियाना के मुख्य प्रबंधिका, आँखों के रोगों के माहिर डा सिम्मी अगरवाल जी ने एक सैमीनार के दौरान संबोधित करते हुए कहा कि आँखें कुदरत का एक अनमोल तोहफा है, जैसे हम शरीर के बाकी अंगों का ध्यान रखते हैं वैसे ही हमें अपनी आँखों का भी खास ध्यान रखना चाहिए, आंखें है तो जहान है। उन्होंने बताया कि सड़कों पर मोटर गाड़ीयों की आवाजाही बड़ गई है, जिस कारण वायू में प्रदूषण की मात्रा बहुत बड़ती जा रही है, जिस के कारण आँखों में बहुत सी दिक्कतें होती है, जैसे कि आँखों में पानी आना, आँखों का लाल हो जाना, सुज जाना, आँखों में चूबन और जलन भी शुरु हो जाती है। कुछ लोगों को कई प्रकार की अलरज़ी भी हो जाती है, जिस के कारण आँखों का पानी कम होना शुरु हो जाता है, जिसको सुखापन कहते हैं। इस लिए हमें इन चीज़ों से बचना चाहिए और आँखों का खास ध्यान रखना चाहिए |

आँखों को ठीक रखने के लिए उन्होंने बताया कि प्रदूषण के दौरान घर के दरवाजे और खिड़कियाँ बंद रखनी चाहिएँ । कम से कम घर से बाहर निकला जाए। अगर जाना भी पड़े तो गोग्ल्ज़ पहन कर निकले, हाथों को साफ सुथरा रखें, हाथों को बार-बार धोएं, आँखों को बार बार हाथ मत लगाएं। आँखों को मलना भी नहीं चाहिए, ताकि आँखों का पानी बना रहे और सुखेपन की दिक्कत ना आए।

इसके इलावा उन्होनें यह भी बताया कि तकनीक ने अब बहुत तरक्की कर ली है, उन्के अस्पताल अंबे आई केयर एवं लेसिक सेन्टर में पुरे उत्तर भारत में सबसे पहले जर्मन की नई तकनीक PRESBYOND आई है, जिसके साथ 40 साल से अधिक आयु के लोग दूर एवं दूर- नज़दीक के चश्मों से छुटकारा पा सकते हैं और मरीज़ अपने जीवन की बारीकियों को दूर करके नई जिन्दगी जी सकते हैं।

इस के अतिरिक्त काले मोतिए, परदे, पानी बहने का ईलाज भी बहुत वाजिब रेटों पर किया जाता है। अम्बे आई केयर का मुख्य उद्देश्य मरीज़ों का आधुनिक एवं नामवर डाकटरों द्वारा ईलाज करना है। कोरोना के कारण आर्थिक व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए अस्पताल की प्रबंधक कमेटी की तरफ से आँखों का चेकअप तथा सभी लेज़रों एवं आप्रेशनों पर विशेष छूट चल रही है, जिसका लाभ सभी उठा सकते हैं।

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